अशूरा -ए-मुहर्रम के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
1. यह दिन पैगंबर मुहम्मद के पोते, हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का प्रतीक है, जिन्होंने कर्बला में सच्चाई, धार्मिकता और न्याय को कायम रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
2. इस अवसर को चिह्नित करने के लिए ताजिया जुलूस निकाला गया जिसे बाद में शाम को निर्दिष्ट स्थानों पर दफनाया गया।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा सही है/हैं?